Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Aug 2024 · 2 min read

हिंदुत्व अभी तक सोया है, 2

फिर से इस पर आघात हुए,
फिर बेबस होकर रोया है।
आघात बराबर जारी हैं,
हिंदुत्व अभी तक सोया है।

ये जात पांत में बॅंटा हुआ,
खुद का हित जान न पाया है।
ये आज यहॉं कल कहीं और,
केवल पिटता ही आया है।
घर जला पड़ोसी का फिर भी,
ये अपने में ही खोया है।
आघात बराबर जारी है,
हिंदुत्व अभी तक सोया है।

हम थे अखंड, फिर खंड खंड,
अब सीमित भारत अचल रहे।
इसको भी खंडित करने को,
कुछ वहशी फिर से मचल रहे।
निज पौरुष को क्यों भूल रहा,
आशंका में क्यों खोया है।
आघात बराबर जारी है,
हिंदुत्व अभी तक सोया है।

है धर्म अहिंसा परम किंतु,
जब संकट स्वयं धर्म पर हो।
तब कैसे कोई चुप बैठे,
आसन्न मृत्यु जब सर पर हो।
खंडित भारत माॅं का तूने,
तो ऑंचल सदा भिगोया है।
आघात बराबर जारी है,
हिंदुत्व अभी तक सोया है।

गांडीव छोड़कर जब अर्जुन,
हो युद्ध धर्म से विमुख अड़ा,
केशव ने उसको समझाया,
तू धर्म पक्ष में यहॉं खड़ा।
माना सारे संबंधी हैं,
लेकिन ये सभी अधर्मी है।
इनके मन में विद्वेष भरा,
बस अहंकार की गर्मी है।
कुरुकुल विनाश का बीज स्वयं,
कुरुकुल दीपक ने बोया है।

ज्यों वस्त्र पुराने त्याग मनुज,
नित नूतन वस्त्र पहनता है।
इस जीर्ण शीर्ण काया को तज,
नव देह आत्मा पाता है।
जो आया है वह जायेगा,
जीवन का शाश्वत सत्य यही।
हैं मृत्यु अवश्यंभावी ही,
तू केवल इसको मान सही,
संबंध सभी ये मिथ्या हैं,
किस मोह पाश में खोया है।

ये सब अधर्म के साथ खड़े,
पुरुषार्थ हीन से डरे हुए।
मत सोच इन्हें तू मारेगा,
ये हैं पहले से मरे हुए।
ले देख विराट रूप मेरा,
सब जीव समाये हैं मुझमें,
जग की माया से परे देख,
हैं मृत्यु और जीवन मुझमें।
दुविधा को तज, रण तत्पर हो,
गांडीव उठा क्यों सोया है।
आघात बराबर जारी हैं,
हिंदुत्व अभी तक सोया है।

तुम राम कृष्ण के वंशज हो,
तुम धर्म ध्वजा के रक्षक हो,
क्यों भूल रहे कुरुक्षेत्र युद्ध,
जब संबंधी ही थे विरुद्ध,
हो गये विफल जब सब प्रयास,
किंचित न रही शांति की आस,
तब था विकल्प ही मात्र युद्ध,
हिंसा थी हिंसा के विरुद्ध,
इसलिए जाग, सब भ्रांति त्याग,
चेतन हो जा क्यों सोया है।
आघात बराबर जारी हैं,
हिंदुत्व अभी तक सोया है।

श्रीकृष्ण शुक्ल, मुरादाबाद।
#सर्वाधिकार सुरक्षित।
22.08.2024

63 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मुक्तक
मुक्तक
प्रीतम श्रावस्तवी
तुम्हारे
तुम्हारे
हिमांशु Kulshrestha
विज्ञापन
विज्ञापन
Dr. Kishan tandon kranti
कर्मयोगी संत शिरोमणि गाडगे
कर्मयोगी संत शिरोमणि गाडगे
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
प्रेम की लीला
प्रेम की लीला
Surinder blackpen
किसी के साथ सोना और किसी का होना दोनों में ज़मीन आसमान का फर
किसी के साथ सोना और किसी का होना दोनों में ज़मीन आसमान का फर
Rj Anand Prajapati
तेरे मेरे दरमियाँ ये फ़ासला अच्छा नहीं
तेरे मेरे दरमियाँ ये फ़ासला अच्छा नहीं
अंसार एटवी
The World at a Crossroad: Navigating the Shadows of Violence and Contemplated World War
The World at a Crossroad: Navigating the Shadows of Violence and Contemplated World War
Shyam Sundar Subramanian
राही
राही
Neeraj Agarwal
मंज़िल को तुम्हें यदि पाना हो ,तो चलते चलो तुम रुकना नहीं !
मंज़िल को तुम्हें यदि पाना हो ,तो चलते चलो तुम रुकना नहीं !
DrLakshman Jha Parimal
हृदय की बेचैनी
हृदय की बेचैनी
Anamika Tiwari 'annpurna '
उनको मंजिल कहाँ नसीब
उनको मंजिल कहाँ नसीब
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
राधा
राधा
Mamta Rani
दुःख बांटू तो लोग हँसते हैं ,
दुःख बांटू तो लोग हँसते हैं ,
Uttirna Dhar
अच्छा खाना
अच्छा खाना
Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे
ऐसा लगा कि हम आपको बदल देंगे
ऐसा लगा कि हम आपको बदल देंगे
Keshav kishor Kumar
कितनी हीं बार
कितनी हीं बार
Shweta Soni
चित्र कितना भी ख़ूबसूरत क्यों ना हो खुशबू तो किरदार में है।।
चित्र कितना भी ख़ूबसूरत क्यों ना हो खुशबू तो किरदार में है।।
Lokesh Sharma
*Flying Charms*
*Flying Charms*
Poonam Matia
दवाइयां जब महंगी हो जाती हैं, ग़रीब तब ताबीज पर यकीन करने लग
दवाइयां जब महंगी हो जाती हैं, ग़रीब तब ताबीज पर यकीन करने लग
Jogendar singh
नयन कुंज में स्वप्न का,
नयन कुंज में स्वप्न का,
sushil sarna
Dedicated to all those who live outside their home to earn t
Dedicated to all those who live outside their home to earn t
पूर्वार्थ
राष्ट्र हित में मतदान
राष्ट्र हित में मतदान
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
4931.*पूर्णिका*
4931.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
समय
समय
Dr.Priya Soni Khare
यूपी में कुछ पहले और दूसरे चरण में संतरो की हालात ओर खराब हो
यूपी में कुछ पहले और दूसरे चरण में संतरो की हालात ओर खराब हो
शेखर सिंह
मुक्तक
मुक्तक
गुमनाम 'बाबा'
बढ़ता कदम बढ़ाता भारत
बढ़ता कदम बढ़ाता भारत
AMRESH KUMAR VERMA
👩‍🌾कृषि दिवस👨‍🌾
👩‍🌾कृषि दिवस👨‍🌾
Dr. Vaishali Verma
दिन की शुरुआत
दिन की शुरुआत
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Loading...