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23 Sep 2022 · 1 min read

हिंदी

भारत है एक,
भाषाएं अनेक,
जैसे रिश्तों में चाची, मामी, मौसी, ताई,
पर मां तो मां होती है।
सभी आदरणीय, सभी हमें स्मरणीय,
पर मां तो पूज्यनीय होती है।
सभी विद्वानों का चिंतन,
सभी संतों की भाषा,
पर जनवाणी तो वंदनीय होती है।
भाषाएँ सभी पुष्प,
खिलें एक ही उपवन में,
पर गुलाब तो गुलाब होता है,
खिलता है तो पूरा गुलशन महकता है।

Language: Hindi
1 Like · 119 Views
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