हिंदी हिंदुस्तान की
हिंदी हिंदुस्तान की
हिंदुस्तान की भाषा हिंदी, हिंदी हिंदुस्तान की।
निज गौरव अभिमान की, भाषा है बलिदान है।
सरगम भी संगीत का है जो, सात सुरों से सजे हुए।
देवलोक तक गूंजे गायन, इस भाषा से बने हुए।।
नवरस नवलय नवल गीत है, हिंदी तो कालिंदी है।
हिंदी के ऊपर की बिंदी, भारत माँ की बिंदी है।।
बात करेगा जो हिंदी में, बातें वो सम्मान की।
हिंदुस्तान की भाषा हिंदी, हिंदी हिंदुस्तान की।1।
कसो कसौटी पर शब्दों को, स्वतः बने फिर गान जहाँ।
हर शब्दों में भरा हुआ है, ज्ञान और विज्ञान यहाँ।।
रोज खोज अब नई नई, इस भाषा पर होने दो।
विश्व पटल पर इसकी छाया, माया ऊपर होने दो।।
बोने दो अब बीज अक्षरा, फसल उगा लो ज्ञान की।
हिंदुस्तान की भाषा हिंदी, हिंदी हिंदुस्तान की।2।
प्रेमचन्द जी ने जीवन भर, हिंदी का गुणगान किया।
सूरदास मीरा तुलसी ने, आजीवन सम्मान दिया।।
कबीर जायसी जयशंकर ने, हिंदी का पयपान किया।
गुप्त निराला पद्माकर ने, मुक्त कंठ से गान किया।।
दिशा बदल देना मंजिल की, कसम तुम्हे ईमान की।
हिंदुस्तान की भाषा हिंदी, हिंदी हिंदुस्तान की।3।
महाराष्ट्र में कहे मराठी, गुजरात गुजराती है।
नहीं समझते शुरू जो करते, गलत2 परिपाटी है।।
पंजाबी गुजराती मराठी, हिंदी माँ की बेटी है।
भोजपुरी बुंदेली बघेली, दादी माँ की पोती है।।
आन बान और शान के खातिर, बाजी लगा दो जान की।
हिंदुस्तान की भाषा हिंदी, हिंदी हिंदुस्तान की।4।
-साहेबलाल “सरल”