हिंदी हमारी शान
हिंदी हमारी शान
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अब इसमें तो कोई शक नहीं है
कि हिंदी हमारी शान है
हमारी भाषा हमारा मान हमारा स्वाभिमान है
हमारा गौरव हमारा सम्मान है।
पर कहीं न कहीं एक टीस भी है
कि अब तक हिंदी राजभाषा से राष्ट्रभाषा न बन सकी,
पर अब हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने की
हर ओर से ऊंँची आवाजें उठने लगी हैं,
उम्मीदें आसमान छूने लगी हैं।
आंकड़ों में हमारी हिंदी को
विश्व की तीसरी बड़ी भाषा बताया जाता है
जबकि सच तो यह है कि
डा. जयंती प्रसाद नौटियाल जी के शोध से
हिंदी का पहला स्थान आता है।
तो हम सब हिंदी भाषियों का मान
स्वत: ही बढ़ जाता है।
बस अब हमें इंतजार है उस दिन का
जब भारत सरकार हिंदी को
राजभाषा से राष्ट्र भाषा बनाने का ऐलान कर दे
हमारी सबकी प्यारी हिंदी भाषा को
उसका उचित स्थान दे दे।
हिंदी का मान सम्मान और बढ़ा दे,
हिंदी हमारी शान है
ये सारी दुनिया को बता दे।
सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा उत्तर प्रदेश
© मौलिक स्वरचित