हिंदी साहित्य vs हिंदू साहित्य vs सवर्ण साहित्य
हिंदी साहित्य मूलतः हिंदू साहित्य है; हिंदू साहित्य में भी सवर्ण साहित्य जिसका जिसका मुख्य उपजीव्य हिंदू धार्मिक अंधविश्वास है।
इस साहित्य के अधिकांश लेखक भी अबतक सवर्ण ही हुए हैं। ये सवर्ण ही इक्कीसवीं सदी के इस वैज्ञानिक युग में भी हिंदी साहित्य के सभा–सम्मेलनों–सेमिनारों में बेशर्म वर्चस्व और अधिमानता बनाए हुए हैं।
हिंदी साहित्य का बहुजनीकरण और लोकतंत्रीकरण किया जाना बहुत जरूरी है।