हिंदी मेरी जान….
14 सिंतबर जन्मदिवस है, हजार वर्ष है उम्र तुम्हारी,
समझने में जितनी सरल हो, उतनी सुंदर छवि तुम्हारी।
सँस्कृत की तुम पीढ़ी हो, सँस्कृत ही तुम्हारी जननी है,
ठान लिया है मन में अब तो, हिंदी राष्टभाषा बननी है।
कायर है इंसान नहीं, जो अपनी संस्क्रति पे शर्म करे,
इतिहास की पहचान है हिंदी, आओ मिलकर गर्व करें।
हिंदी राष्ट की शान, इससे मानो एकता की पहचान है,
हिंदी के बिना कह नहीं सकोगे, मेरा भारत महान है।
महिला का श्रृंगार अधूरा, है मानो जैसे बिन बिंदी के,
ऐसे ही राष्ट पहचान अधूरी, है जैसे अपनी हिंदी के।