हिंदी भारतीयो की प्रथम पहचान
हिंदी जो मर जाएगी तो ।
क्या यहाँ रह जाएगा ।
आत्मा निकल जाएगी केवल शरीर रह जाएगा ।
हिंदी भारतीयो की है प्रथम पहचान है ।
अरे ! जिस दिन लुप्त हुई हिंदी भाषा ।
भूल जाएंगे लोग भारत देश भी कोई था ।
अंग्रजी भाषा को वर्चस्व देकर ।
हिंदी का किया जा रहा अपमान ।
ट्रेन का नाम अंग्रेजी मे ।
दवा का नाम अंग्रेजी मे ।
सब नाम यहाँ अंग्रेजी मे ।
तो हिंदी कहां गई तब सेती मे ।
भूल गए हिंदी, हिंदू, हिन्दुस्तान का ।
नारा देने वाले भारतेंदु हरिश्चंद्र के दोहे को ।
अंग्रेजी पढकर जदपि सब गुन होत प्रवीण ।
पै निज भाषा ज्ञान के रहत हीन के हीन ।
जिसको अपनी संस्कृति सभ्यता एवं भाषा का आन -मान नही ।
हृदय नही वो पत्थर है जिसमे मातृभाषा का प्रेम नही ।
हिंदी जैसी बोली जाती ।
वैसे ही जाती लिखी ।
अंग्रजी तो अपनी राह भटक गई।
पढोगे गलत लिखोगे सही ।
लिखना हो गर सुनामी ।
हिंदी मे सीधा-सीधा लिख पाएंगे ।
वो शब्द आमजनमानस भी समझ जाएंगे ।
अंग्रेजी मे लिखे सुनामी ।
बात न समझ मे आती है ।
इसके आगे कैसे विलुप्त उच्चारण टी (T) हो जाती है ।
पढा निमोनिया उसमे भी पी( P) शांत हो जाती है ।
ऐसे है बहुत से शब्द जो सबको भर्माती है ।
ऐसे रंग बदलती इंग्लिश जैसे कोई गिरगिट ।
रिश्तो के लिए शब्द नही है ।
अंग्रेजी मे ।
फुआ, काका, मामा,चाचा, मौसा ।
केवल एक शब्द अंकल अंग्रजी मे ।
जबकि हमारे हिंदी मे कोटि शब्द सम्मानो मे ।
एक शब्द है अंग्रेजी मे ।
जिसका नाम है बेटर ।
इसकी उत्पत्ति है हिंदी के शब्द बेहतर से ।
मूल अंग्रेजी मे शब्द है केवल 2600 ।
बाकि लैटिन, फ्रेंच, स्पेनिश ।
जर्मन से लिए उधार ।
अंततः संख्या मूल शब्द की पहुंची 12000 ।
दो -दो घण्टे मे एक शब्द बन रहे अंग्रेजी मे ।
पैदा करते चले जा रहे सब शबद उहापोह मे ।
इससे तो अच्छा हमारी ।
राज्यो की है भाषाएँ ।
4000 शब्द गुजराती भाषा मे ।
4800 शब्द मराठी भाषा मे ।
72000 शब्द हिंदी भाषा मे ।
15000 लाख शब्द संस्कृत मे ।
जिस समुदाय की संख्या होगी ज्यादा ।
उसकी भाषा का विकास भी दूरवर्ती उतना ।
चीन जनसंख्या है अधिक ।
प्रथम बोलने वाली चीनी भाषा ।
अंग्रेज फैले सर्वत्र दूसरा स्थान अंग्रजी भाषा ।
अंग्रेज फैले सर्वत्र दूसरा स्थान अंग्रेजी भाषा ।
स्वच्छंद, तृतीय स्थान पर ।
विश्वव्यापी हिंदी भाषा ।
हिंदी शर्म नही गर्व है ।
कहने दो अंग्रेजो के ।
चापलूस, चाटुकारो को ।
सारे जहां से अच्छा ।
हिंदी भाषा हमारी ।
हिंदवासी, हिंदीभाषी जग को सारे दे दिलासी ।
अंग्रेजी भाषा का इसलिए वर्चस्व बढा ।
अंग्रेजो का जब तर्क का दमखम चढा ।
नोबेल पुरस्कार देन अंग्रेजो की ।
आस्कर पुरस्कार देन अंग्रेजी की ।
मान बुकर पुरस्कार देन अंग्रेजो की ।
ढल गए पाने के लिए सम्मान लोग वैसे ही ।
आप भी निकालो नोबेल जैसे कोई सम्मान ।
हिंदी काव्य संग्रहो के लिए ।
बङी राशि देकर इण्डहिंद पुरस्कार बनाओ ।
नही तो अंग्रेजीकरण से ।
एक दिन हिंदी पर संकट मंडरायेगा ।
वो घोर अंधेरा छाएगा ।
जब एक दिन भारत भी हिन्दुस्तानी की ।
जगह इंग्लिस्तान कहलाएगा ।
जागो समय है अभी ये इंग्लिश फीवर ।
गली -गली है छाया ।
जैसे मोदी का भगवा रंग है छाया ।
लोग कलम को पेन कहते है ।
बूढे -बूढ़े कन्फर्म कहते है ।
भले ही अर्थ न हो मालूम ।
इंजीनियर को हिंदी मे ।
क्या कहते है कोई इसमे से बताए ।
एम्बुलेंस, ट्रैफिक, लाइट,
बस को हिंदी मे क्या कहते ।
रह गये न टॉय -टॉय फिश दांत चिआरते ।
मोदी जी ने जब विकलांग की जगह दिव्यांग कह एक नया शब्द बनाया ।
विधवा के लिए कल्याणी शब्द अपनाया ।
ईजाद करो कुछ ।
ऐसे हिंदी शब्द ।
जिस पर गर्व करे दुनिया और हम ।
रौशन हो अपना हिंद ये चमन ।
मैकाले ने कहा था जो ।
शिक्षा व्यवस्था बैटिंग के समय चलाया ।
उसने कहा एक वाक्य ।
भारत को गर है तोड़ना तो ।
उसकी शिक्षा व्यवस्था पर चोट लगाओ ।
अंग्रेजो ने खुद माना था ।
भारतीय शिक्षा व्यस्था दुनिया की सबसे अच्छी है नीति ।
मैकाले ने कहा ऐसी शिक्षा नीति अपनाओ यहाँ की ।
भारतीय खून और शरीर से तो भारतीय हो पर जुबान से अंग्रेज हो मैकाले ने यह क्या कर डाले ।
शिक्षा एक व्यापार बना हुआ है बाजारो मे ।
ऊंची-ऊंची इमारत खड़ी है नालो मे ।
शिक्षास्तर कम है जालो मे ।
दिखा के गाजर इंग्लिश का ।
लूट रहे सब लोग यहाँ ।
एक तो वो खुद हिंदी के बैरी ।
हम सबका है एक ही नारा ।
हिंदी भाषा गर्व हमारा ।
आइंस्टीन ने नही पढी अंग्रेजी ।
लिया ज्ञान अपनी मातृभाषा जर्मन मे ।
भारत मिसाइल मैन कलाम -दीक्षा तमिल भाषा मे ।
आगे थोड़ा विचारो को समझने के लिए सीखा अंग्रेजी भाषा ।
लोग हमारे यहाँ स्वतंत्रता दिवस को इण्डिपेडेंस डे कहकर ।
अंग्रेजी भाषण दे कर देते जख्म हरा ।
कि हम कभी अंग्रेजो के गुलाम थे ।
बू आती है परतंत्रता की अंग्रेजी से ।
हमको लगता नही लोग ।
अपनी आजादी को याद करते है ।
देश तो आजाद हो गया ।
अफसोस तुम हम नही ।
भारत मे रहना है तो ।
संस्कृति, सभ्यता भाषा ।
का सम्मान करना सीखो ।
खाते हो भारत का गाते हो अंग्रेजो का ।
ये हमको नही है भाता ।
हम सबकी शान है हिंदी ।
भारतीयो की जान है हिंदी ।
लोगो की मातृ जुबान है हिंदी ।
हमारी सम्मान है हिंदी ।
भारतीयो की पहचान है हिंदी ।
हम है हिंद हिन्दुस्तान निवासी ।
हम सब भाई -भाई है हिंदी भाषी ।
करो आज एक वादा हमसे ।
हिंदी का सम्मान करोगे ।
कुछ भी बोलेंगे हिंदी का मान रखोगे ।
अटल बिहारी जैसे अपने पहचान रखोगे ।
नही किया ऐसा गर तुमने ।
तुम अंग्रेजो के चाटुकार कहलाओगे ।
इस देश का द्रोही और गद्दार कहलाओगे ।
हम हिन्दी भाषी है ।
दिलो मे लोगो के लिए ।
लेकर चलते प्यार है ।
आप सभी हिंदवासियो का को हम हिंदी मे सलाम करते है ।
??Rj Anand Prajapati ??
जय हिंदी – जय भारत