हिंदी पूरे हिन्द की आवाज बने !
हिंदी पूरे हिन्द की आवाज बने !
हर ले जन जन की पीर,कोई न रहे अधीर,
खुला आसमान हो हर किसी का मान हो,
पंत सूर जायसी, कबीरा रसखान हों
गुनगुनाती मुस्कुराती प्रेम राग छेड़ती ये साज़ बने
हिंदी पूरे हिन्द की आवाज बने !
भाषा भेद भाव भूल दिल से करें कबूल
एकता का भाव हो राष्ट्रवाद रहे मूल,
हिन्द में न कोई दीन हिंदी एकता की बीन
राष्ट्र उन्नति के हेतु गाएँ हम समवेत
गान ऐसा जो दिलों का ताज बने
हिंदी पूरे हिन्द की आवाज बने !