हिंदी दोहे -हृदय (राजीव नामदेव राना लिधौरी)
हिंदी दोहे – हृदय
रखो हृदय में प्यास तुम,पीने को रस राम।
#राना आए गेह में , सदा सुहानी शाम।।
सदा भक्ति रस पीजिए,आकर इस संसार।
#राना चाहत यह बसे ,रहे हृदय में प्यार।।
निर्मल जल-सा जब हृदय, हो #राना रस धार।
ऐसे नर संसार में , सदा बाँटते प्यार।।
कौन हृदय रखता नहीं ,और न रखता प्यार।
पर#राना जो मद रखें ,करें गलत व्यवहार।।
हृदय जानता नीति को ,और प्रेम के खेल।
#राना संगत दुष्ट की,सदा बिगाड़े मेल।।
*** दिनांक -24-12-2024
✍️ -राजीव नामदेव “राना लिधौरी”
संपादक “आकांक्षा” हिंदी पत्रिका
संपादक- ‘अनुश्रुति’ त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
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