हिंदी दोहा- बचपन
हिंदी दोहा- बिषय-बचपन
1
#राना बचपन लौटकर , आता है इक बार |
नाती के सँग खेलता , बूड़ा बारम्बार ||
***
2
बचपन में ही सब करें , उल्टे – पुल्टे काम |
अब क्यों #राना डाटते , बनकर दादाराम ||
***
3
#राना बचपन यादकर , आ जाती मुस्कान |
सभी कपट से दूर थे , करते सत्य बखान ||
***
एक सच एवं हास्य दोहा
4
बचपन में ‘बच्चू’ सुना , युवा बने तब ‘लाल’ |
#राना सुनना शेष है , कहो बुड़उँ’ का हाल ||
***दिनांक-11-10-2022
© राजीव नामदेव “राना लिधौरी” टीकमगढ़
संपादक “आकांक्षा” पत्रिका
संपादक- ‘अनुश्रुति’ त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email – ranalidhori@gmail.com
Blog-rajeevranalidhori.blogspot.com
🥗🥙🌿☘️🍁💐🥗🥙🌿☘️🍁💐