Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Sep 2021 · 1 min read

हिंदी दिवस

* * * हिन्दी दिवस * * *

हिन्द देश के हैं वासी
हिन्दी मातृ भाषा है ।
जनमन को सहज बनाये
भाषा की परिभाषा है ।।

देवनागरी लिपि हमारी
स्वर- व्यंजन पहचान है ।
‘अ’ से अल्लाह ‘क ‘से कृष्णा
कोई नहीं अनजान है ।।

न कोई छोटा न कोई बड़ा
सभी अक्षर समान हैं ।
ऊँच-नीच का भेद मिटाती
हिन्दी की पहचान है ।।

हँसना रोना सुख दुख सहना
भावों का यह मरहम भी ।
जीवन का हर साज सजाती
सप्त- सुरों की सरगम भी।।

एक सुहागिन के माथे की
प्यारी सी तुम बिन्दी हो ।
यश उन्नत की लिए लालिमा
भारत की बेटी हिन्दी हो ।।

कोई करे अपमान तुम्हारा
सजा का होवे कड़ा विधान।
राजनीति से ऊपर उठकर
प्रतिदिन हो हिन्दी का मान।।

संविधान से स्वीकारोक्ति
हिन्दी राजकाज की भाषा।
पर एक पहलू दुख देता है
बनी नहीं यह राष्ट्र की भाषा।।

जिस भाषा ने दी गुलामी
उसके कवच का कच्चा भान।
सहज प्रभावी अन्तर्मन से
हिन्दी को करें अब गतिमान।।
???????

स्वरचित : डाॅ.रेखा सक्सेना

Language: Hindi
1 Like · 439 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हमेशा आगे
हमेशा आगे
surenderpal vaidya
"दोस्ताना "
DrLakshman Jha Parimal
गर्मी आई
गर्मी आई
Dr. Pradeep Kumar Sharma
पांव में मेंहदी लगी है
पांव में मेंहदी लगी है
Surinder blackpen
शीर्षक - संगीत
शीर्षक - संगीत
Neeraj Agarwal
दुनिया में अधिकांश लोग
दुनिया में अधिकांश लोग
*प्रणय प्रभात*
क्यों प्यार है तुमसे इतना
क्यों प्यार है तुमसे इतना
gurudeenverma198
ज़िक्र तेरा लबों पर क्या आया
ज़िक्र तेरा लबों पर क्या आया
Dr fauzia Naseem shad
कम्बखत वक्त
कम्बखत वक्त
Aman Sinha
पंछियों का कलरव सुनाई ना देगा
पंछियों का कलरव सुनाई ना देगा
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
नदी
नदी
नूरफातिमा खातून नूरी
जगदाधार सत्य
जगदाधार सत्य
महेश चन्द्र त्रिपाठी
हे परम पिता !
हे परम पिता !
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
Fight
Fight
AJAY AMITABH SUMAN
संत गोस्वामी तुलसीदास
संत गोस्वामी तुलसीदास
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मुझको अपनी शरण में ले लो हे मनमोहन हे गिरधारी
मुझको अपनी शरण में ले लो हे मनमोहन हे गिरधारी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
लोगो की नजर में हम पागल है
लोगो की नजर में हम पागल है
भरत कुमार सोलंकी
__________सुविचार_____________
__________सुविचार_____________
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
एक सत्य
एक सत्य
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
एक शकुन
एक शकुन
Swami Ganganiya
कर ही बैठे हैं हम खता देखो
कर ही बैठे हैं हम खता देखो
Dr Archana Gupta
"" *सुनीलानंद* ""
सुनीलानंद महंत
किसान
किसान
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
दोहा त्रयी. . . . .
दोहा त्रयी. . . . .
sushil sarna
"परख"
Dr. Kishan tandon kranti
इश्क़ कमा कर लाए थे...💐
इश्क़ कमा कर लाए थे...💐
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
*घुटन बहुत है बरसो बादल(हिंदी गजल/गीतिका)*
*घुटन बहुत है बरसो बादल(हिंदी गजल/गीतिका)*
Ravi Prakash
किरणों का कोई रंग नहीं होता
किरणों का कोई रंग नहीं होता
Atul "Krishn"
नज़राना
नज़राना
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
प्यार तो हम में और हमारे चारों ओर होना चाहिए।।
प्यार तो हम में और हमारे चारों ओर होना चाहिए।।
शेखर सिंह
Loading...