हिंदी दिवस विशेष
मनोरम छंद (मापनी युक्त मात्रिक छंद)
मापनी– 2122-2122
विधान –14 मात्रा/ पदांत-122 या 22, 3री व 10वीं मात्रा अनिवार्य रूप से लघु। चार चरण, क्रमागत दो-दो या चारों चरण समतुकांत ।।
हिंद का अभिमान हिंदी ।
भारती की शान हिंदी ।।
मिष्ट भाषा प्रेम पूरित।
हिय कुशलता क्षेम धूरित ।।
वर्णमाला क्रम सजाती ।
अक्षरों के बंद लाती ।।
व्याकरण श्रृंगार कर दे ।
वाक्य में संस्कार भर दे ।।
शीश पर अनुस्वार प्यारा ।
चँद्र अनुनासिक दुलारा ।।
कटि विसर्गी पद हलन्ती।
पूर्ण नख से सिख अनन्ती।।
अल्प यति या पूर्ण देगी ।
लय कहाँ ठहराव लेगी ।।
प्रश्न विस्मय या सुयोजक ।
चिह्न सारे योग्य बोधक ।।
है सरल अति सभ्य बोली।
कर्ण प्रिय ध्वनि सौम्य भोली।।
भाल पर बिंदी सजाती ।
शिष्टता सद्गुण सिखाती ।।
शब्द निधि विस्तृत समंदर ।
उच्च मानक युत कलंदर ।।
मन कुमुद के भाव साजे।
राष्ट्रभाषा पद विराजे ।।
रेखा कापसे ‘कुमुद’
नर्मदापुरम मप्र