हिंदी दिवस की पूर्व संध्या है, अतः हिंदी पर ही कुछ पंक्तियां: कुछ नयी कुछ पुरानी
हिंदी दिवस की पूर्व संध्या है, अतः हिंदी पर ही कुछ पंक्तियां: कुछ नयी कुछ पुरानी :
1. हमारी शान है हिंदी (मुक्तक)
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हमारी अस्मिता है राष्ट्र का अभिमान है हिंदी।
परस्पर के सहज संवाद की पहचान है हिंदी ।
नहीं बस मात्र भाषा, ये हमारी मातृ भाषा है।
हमारा मान है हिंदी, हमारी शान है हिंदी ।
2. हिन्दी का ध्वज जग भर में फहराओ
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अपनी भाषा अपनाने में अब तो लज्जा मत दिखलाओ ।
हिंदुस्तानी हो, हिंदी को पूर्ण मान तो दिलवाओ।
अंग्रेजों के शासन से तो मुक्त हुए बरसों पहले।
अब वाणी को भी तो अँग्रेजी की जकड़न से छुड़वाओ।
अपनी भाषा में बात सदा आसानी से कह दी जाती ।
आगे आओ, आगे बढ़कर ये बात सभी को समझाओ।
कृष्ण नहीं अब भारत भर में अँग्रेजी का नाम रहे।
संकल्प करो ऐसा, हिंदी का ध्वज जग भर में फहराओ।
3. हिंदी के शुभचिंतक
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जो अपने राजदुलारों को अँग्रेजी ज्ञान दिलाते हैं।
अपने दैनिक व्यवहारों में अँग्रेजी को अपनाते हैं।।
हिंदी के समारोह में भी, अँग्रेजी में बतियाते हैं।
ऐसे हिंदी के शुभचिंतक, अब हिंदी दिवस मनाते हैं।।
श्रीकृष्ण शुक्ल, मुरादाबाद ।
4. अंग्रेजी की विसंगतियां (कविता)
प्यारे बच्चों समझ न आता अँग्रेजी का ज्ञान
छब्बीस लैटर में सिमटा है इसका पूर्ण विधान
लिखने पढ़ने उच्चारण में मिलते सारे खोट
लिखना हॉवर पढ़ना ऑवर मन को रहे कचोट
एन ओ, नो होता है भैया, एन ओ डबलू नाओ
पर देखो, के एन ओ डबलू, होता नहीं कनाउ
ये भी नो ही कहलाता है, भली करें सब राम
नो ही कहना है तो फिर, के डबलू का क्या काम
ऐसा ही इसमें रहा शब्दों का जंजाल
एक शब्द दस अर्थ हैं, रटना हुआ मुहाल
स्प्रिट रही शराब, भावना भी स्प्रिट है
स्प्रिट ही है भूत भी, और आत्मा भी है
इतना कन्फ्यूजन है इसमें, फिर भी है सिरमौर
हिन्दी दोयम ही रही जरा कीजिए गौर
निज भाषा अपनाइए, इसका नहीं विकल्प
हिन्दी में। सब काम हों, करो सभी संकल्प.
श्रीकृष्ण शुक्ल, मुरादाबाद
18.09.2018
5. हिन्दी, हिन्दू, हिन्दुस्तान
देश हमारा हिन्दुस्तान
हिन्दू ही अपनी पहचान
हिन्दी में हों सारे काज
निज भाषा का हो सम्मान
रहे दिलों में इनका मान
सदा बढ़े तीनों की शान
भारत में हो इनका राज
हिन्दी, हिन्दू, हिन्दुस्तान
श्रीकृष्ण शुक्ल, मुरादाबाद
10.01.2019