हिंदी के उत्थान से…….
हम कबीर की कलम उठाके निकले स्वाभिमान से ,
छंदों की स्याही भर ली है लेकर कवि रसखान से|
हिन्दी लिक्खें , हिन्दी बोलें सदा सोच में हिन्दी हो ,
हिन्दुस्तान की उन्नति होगी ,हिंदी के उत्थान से | –आरसी
हम कबीर की कलम उठाके निकले स्वाभिमान से ,
छंदों की स्याही भर ली है लेकर कवि रसखान से|
हिन्दी लिक्खें , हिन्दी बोलें सदा सोच में हिन्दी हो ,
हिन्दुस्तान की उन्नति होगी ,हिंदी के उत्थान से | –आरसी