हिंदी एंव भोजपुरी के सशक्त हस्ताक्षर- दिल्ली रत्न लाल बिहारी लाल
हिंदी एंव भोजपुरी के सशक्त हस्ताक्षर- दिल्ली रत्न लाल बिहारी लाल
रवि शंकर
नई दिल्ली। हिंदी एंव भोजपुरी के सशक्त हस्ताक्षर लाल बिहारी लाल का जन्म 10 अक्टूबर 1974 को बिहार के छपरा जिला में एक मध्मवर्गिय शिक्षक परिवार मैं हुआ है। लाल की प्रारंभिक शिक्षा स्थानीय स्तर पर हुई फिर दिल्ली एवं इलाहाबाद से उच्च शिक्षा हाशिल की है। इन्हें समाजिक कुरीतियों के विरुद्ध लड़ने की प्रेरणा इनके माता पिता से विरासत में मिली है जिसे ये बा- खूबी आगे बढ़ा रहे हैं।
इनके परिवार में साहित्यिक माहौल नहीं था फिर भी इन्होंने लेखनी को गहा क्योंकि इनका मानना है कि औरों की बे-वफाई ,गमों का समंदर एंव उल्फत का पहाड़ लिये खड़े हो जाते है वही कवि या लेखक बन जाते है। इन्होंने लेखनी के माध्यम से दिल्ली सहित देश दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाया है। सन 1995 में भारत सरकार के पर्यावरण एवं वन मंत्रालय,नई दिल्ली में नौकरी की शुरुआत किया और आज वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय,नई दिल्ली में ही कार्यरत है। इन्होंने पर्यावरण संरक्षण के बारे में काफी कुछ लिखा है। इसके फलस्वरुप इन्हें 2004 में “राष्ट्र-गौरव सम्मान”,2008 में “पर्यावरण प्रेमी” तथा 2010 में “पर्यावरण प्रहरी” तथा 2011 में “पर्यावरण के लाल सम्मान” से सम्मानित किया जा चुका है। हिदी के विकास के लिए भी इन्हें देश की कई संस्थाये सम्मानित कर चुकी है। इन्हें देश के विभिन्न सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा 90 से ज्यादा सम्मान/पुरस्कार मिल चुके हैँ।उनमें “राष्ट्रभाषा गौरव”,”साहित्य श्री”, “साहित्य रत्न”,”हिंदी सेवी”,”राष्ट्रभाषा संरक्षक”,“शब्द- साधक” आदी मुख्य है। उनके संपादन में 5-6 पुस्तके प्रकाशित हो चुकी है। समाज सेवा के लिए जैमिनी अकादमी पानीपत,हरियाणा द्वारा “दिल्ली रत्न” से भी सम्मानित किया जा चुका है।हैलो भोजपुरी सहित देश के कई विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में इनकी रचनायें लगातार प्रकाशित होती रहती है।
इनके भोजपुरी गीत टी.सीरीज,एच,एम.वी. वीनस सहित देश की कई नामी गिरामी कंपनियो से 100 से ज्यादा बाजार में है। इनकी भोजपुरी कविता क्रांति बिहार के 2 विश्वविद्यालयों–बी.आर अंबेडकर बिहार विश्व विद्यालय के स्नातक (बी.ए.) तथा नालंदा ओपेन विश्वविद्यालय के स्नातकोतर(एम.ए.) में पढ़ाई जाती है। भोजपुरी साहित्य के उन्नयन के लिए उन्हें हैलो भोजपुरी परिवार 2016 में रघुबीर नरायण सम्मान से सम्मानित कर चुकी है। हाल ही में नवजागरण प्रकाशन द्वारा संपादन के लिए इन्हें साहित्य सर्जक सम्मान से सम्मानित किया है। नवराते पर इनका हिंदी भक्तिमय गीत-मैया मेरी एम.आई मीडिया ने जारी किया है जिसे स्वर दिया है कंचन प्रिया ने। लोक जंग परिवार इनके उज्ज्जवल भविष्य की कामना करता है और आशा करता है कि यूं ही साहित्य एवं समाज की सेवा लेखनी के माध्यम से अनवरत करते रहे।