हास्य:-बात माननी पड़ी !
हास्य:-बात माननी पड़ी !
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बात गहरी है,
पर कुछ भी नहीं,
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रात औरत कह रही थी,
मिर्च तेज है,
रात खाना,
उसने नहीं,
मैंने बनाया था,
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सुबह मानना ही पड़ा,
हाँ,
मिर्च तेज थी,
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जयहिंद !
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सुबह लेटरीन में,
टिस्सू पेपर से नहीं,
हाथ पानी से धोने पड़े,