हास्य, तुम लिखते रहो
तुम लिखते रहो
यहाँ थूकना मना है.
मौके की तलाश में लोग
वहीं थूकते, देखे गये.
.
लिखे गया
यहां पेशाब करना मना है.
साथ में लिखा,
देखो गधा मूत रहा है.
फर्क नहीं पडता,
वह हालात पर खरे उतर रहा है.
.
बजती है घण्टी, मंदिर में ,
आज हर व्यापारी इसे बजा रहे है,
रास्ते में बर्फ वाला,
बाल लेकर बर्तन बेच रहा है,
इसे बजाकर,
देश से कोविड भगा रहा है,
.
तुम लिखते रहो,
कौन पढ रहा है.
लेकर उज्ज्वला कनेक्शन,
जंगल से लकडी लाकर,
खाना पका रहे है.
.
ना हो विश्वास,
लिखकर देख लो.
सी.एन.जी नहीं है.
फिर भी विश्वास नहीं.
गाडी घूमाकर फिलिंग एजेंट से पूछ.
आगे बढ रहा है.
.
तुम लिखते रहो.
कौन पढ रहा है.
वह है मौके की तलाश में,
हर काम को अच्छे से अंजाम दे रहा है.
डॉक्टर महेन्द्र सिंह हंस