हास्य गीत
यूं पत्थर पर न कूटो माथा टूट जाएगा
कई चाहने वालों का साथ छूट जाएगा
जब भी सोचोगे तुम मेरे बारे में तन्हा होकर
चले आना तुम ना सोचना कि वो रूठ जाएगा
अगर फिक्र है उन्हें तो कह देना मेरे बारे में
जुड़े थे जिस डोर से हम वह अब छूट जाएगा
इस सावन में तुम छतरी खोल कर आ जाना
अगर छिपा कर रखोगे तो छतरी टूट जाएगा
बहुत कर ली अब कोशिशें हमने उन्हें मनाने की
जाकर उनसे कहना “शिवा” भी तुमसे रूठ जाएगा
© Abhishek Shrivastava “Shivaji”