हास्य कवि की पत्नी (हास्य घनाक्षरी)
हास्य कवि की पत्नी (हास्य घनाक्षरी)
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पत्नी यह बोली सुनो मेरे पति कवि एक
कविता में रात – दिन मुझको भुनाते हैं
जनता के बीच जा के मुझको कुरूप नारी
कर्कश और थुलथुल-सी बताते हैं
इनके आरोप झूठे दूषित विचारधारा
पूछें आप इनसे कि फिर क्यों लगाते हैं
रपट लिखाउंगी मैं नारी- उत्पीड़न की
आपकी गवाही होगी जिनको सुनाते हैं
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451