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7 May 2018 · 1 min read

#कुंडलिया//शान पति की//हास्य

समझाती हूँ देव पति , समझो दम्पति सार।
पहले गूँथों चून तुम , रोटी फिर तैयार।।
रोटी फिर तैयार , मज़े से मिल खाएँगे।
बर्तन देना माँज , प्रेम यूँ दिखलाएँगे।
सुन प्रीतम की बात , रोब पत्नी दिखलाती।
बेलन लेकर रोज , शान पति की समझाती।

#आर.एस. ‘प्रीतम’

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