Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Jul 2022 · 1 min read

हासिल ना हुआ।

मेरी जिंदगी को कुछ भी हासिल ना हुआ।
समन्दर में डूबते रहे हमें साहिल ना मिला।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

Language: Hindi
Tag: शेर
1 Like · 2 Comments · 252 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Taj Mohammad
View all
You may also like:
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Godambari Negi
कोई  दर्द  दे  गया  ,कोई  अँदलीब दे गया  ,
कोई दर्द दे गया ,कोई अँदलीब दे गया ,
Neelofar Khan
तुम जो हमको छोड़ चले,
तुम जो हमको छोड़ चले,
कृष्णकांत गुर्जर
रूह मर गई, मगर ख्वाब है जिंदा
रूह मर गई, मगर ख्वाब है जिंदा
कवि दीपक बवेजा
फ़ितरत
फ़ितरत
Dr.Priya Soni Khare
मूंछ का घमंड
मूंछ का घमंड
Satish Srijan
https://sv368vn.guru/ - Sv368 là nhà cái cũng như là cổng ga
https://sv368vn.guru/ - Sv368 là nhà cái cũng như là cổng ga
Sv368
करें प्यार
करें प्यार
surenderpal vaidya
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
प्रेम अंधा होता है मां बाप नहीं
प्रेम अंधा होता है मां बाप नहीं
Manoj Mahato
गणतंत्र के मूल मंत्र की,हम अकसर अनदेखी करते हैं।
गणतंत्र के मूल मंत्र की,हम अकसर अनदेखी करते हैं।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
तलाक
तलाक
Shashi Mahajan
रस्ता मिला न मंज़िल रहबर की रहबरी में
रस्ता मिला न मंज़िल रहबर की रहबरी में
Khalid Nadeem Budauni
It is not what you know makes you successful, but what you d
It is not what you know makes you successful, but what you d
पूर्वार्थ
****जानकी****
****जानकी****
Kavita Chouhan
122 122 122 12
122 122 122 12
SZUBAIR KHAN KHAN
दो दिन की जिंदगी है अपना बना ले कोई।
दो दिन की जिंदगी है अपना बना ले कोई।
Phool gufran
When winter hugs
When winter hugs
Bidyadhar Mantry
कुछ लोग चांद पर दाग लगाते हैं,
कुछ लोग चांद पर दाग लगाते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
" LEADERSHIP OPPORTUNITY" ( ARMY MEMOIR)
DrLakshman Jha Parimal
उम्र गुजर जाती है
उम्र गुजर जाती है
Chitra Bisht
कभी परिश्रम का मत करो दिखावा।
कभी परिश्रम का मत करो दिखावा।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*मौका मिले मित्र जिस क्षण भी, निज अभिनंदन करवा लो (हास्य मुक
*मौका मिले मित्र जिस क्षण भी, निज अभिनंदन करवा लो (हास्य मुक
Ravi Prakash
"अक्सर"
Dr. Kishan tandon kranti
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता -171
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता -171
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
कैसी
कैसी
manjula chauhan
मेंहदीं
मेंहदीं
Kumud Srivastava
वे सोचते हैं कि मार कर उनको
वे सोचते हैं कि मार कर उनको
VINOD CHAUHAN
अब गुज़ारा नहीं
अब गुज़ारा नहीं
Dr fauzia Naseem shad
भीगी पलकें( कविता)
भीगी पलकें( कविता)
Monika Yadav (Rachina)
Loading...