Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Oct 2024 · 1 min read

हासिल जहाँ को करके भी

हासिल जहाँ को करके भी
हासिल नहीं है कुछ ।
मिलती है धूल अक्सर
वक़्त की तलाशियों में ।
-डॉ फौज़िया नसीम शाद

2 Likes · 31 Views
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all

You may also like these posts

गणेश चतुर्थी के शुभ पावन अवसर पर सभी को हार्दिक मंगल कामनाओं के साथ...
गणेश चतुर्थी के शुभ पावन अवसर पर सभी को हार्दिक मंगल कामनाओं के साथ...
डॉ.सीमा अग्रवाल
मुक्तक
मुक्तक
अवध किशोर 'अवधू'
"ऐ हवा"
Dr. Kishan tandon kranti
तंत्र सब कारगर नहीं होते
तंत्र सब कारगर नहीं होते
Dr Archana Gupta
प्री-डेथ
प्री-डेथ
*प्रणय*
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*क्या हुआ आसमान नहीं है*
*क्या हुआ आसमान नहीं है*
Naushaba Suriya
इस पार मैं उस पार तूँ
इस पार मैं उस पार तूँ
VINOD CHAUHAN
वे वादे, जो दो दशक पुराने हैं
वे वादे, जो दो दशक पुराने हैं
Mahender Singh
हिंदी हमारी शान है
हिंदी हमारी शान है
punam lata
!!  श्री गणेशाय् नम्ः  !!
!! श्री गणेशाय् नम्ः !!
Lokesh Sharma
जीवन मंथन
जीवन मंथन
Satya Prakash Sharma
दुनिया अब व्यावसायिक हो गई है,रिश्तों में व्यापार का रंग घुल
दुनिया अब व्यावसायिक हो गई है,रिश्तों में व्यापार का रंग घुल
पूर्वार्थ
सूरत
सूरत
Sanjay ' शून्य'
अपने माथे पर थोड़ा सा सिकन रखना दोस्तों,
अपने माथे पर थोड़ा सा सिकन रखना दोस्तों,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सत्य तत्व है जीवन का खोज
सत्य तत्व है जीवन का खोज
Buddha Prakash
यही है वो संवेदना है
यही है वो संवेदना है
Sandeep Barmaiya
इतवार का दिन
इतवार का दिन
Abhinay Krishna Prajapati-.-(kavyash)
4370.*पूर्णिका*
4370.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मैं अलग हूँ
मैं अलग हूँ
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
कभी.....
कभी.....
देवराज यादव
अगर हो तुम सजग
अगर हो तुम सजग
Bimal Rajak
तुम खुशी देखते हों, मैं ग़म देखता हूं
तुम खुशी देखते हों, मैं ग़म देखता हूं
Keshav kishor Kumar
"तुम्हें आना होगा"
Lohit Tamta
फिल्म तो सती-प्रथा,
फिल्म तो सती-प्रथा,
शेखर सिंह
घर हो तो ऐसा
घर हो तो ऐसा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
कभी-कभी
कभी-कभी
Ragini Kumari
#प्राण ! #तुम बिन. . .!
#प्राण ! #तुम बिन. . .!
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
वस हम पर
वस हम पर
Dr fauzia Naseem shad
पहाड़ पर कविता
पहाड़ पर कविता
Brijpal Singh
Loading...