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27 Oct 2024 · 1 min read

हाशिए पर ज़िंदगी

किताब का पेज पलट देने पर भी
कई बार पुराने पेज के किरदार
फिर नए पेज पर कूद के आ जाते है।

मैं किताब के पिछले पेज
अगला पेज पढ़ते समय
याद करना नहीं चाहता
पर पुराने पेज अक्स
याका यक उभर आते है।

पुरानी यादों से पीछा छुड़ाना
आसान नहीं होता
ज़िंदगी के पेज कितने पलटो
कुछ स्थायी सा हर पेज पर
एक सा ही छपा होता है

वर्तमान में भूत का शामिल
होना लाज़मी है
इन कालों बँटवारा
बहुत पुख्ता नहीं होता

डा राजीव “सागरी”

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