हाल ए दिल
हाल ना पुछिये दिल का हमारे .
किस कदर चोट खाये हुए हैं ।
कुछ तो हमें तकदीर ने है मारा ,
और कुछ रफिकों के सताये हुए हैं ।
हाल ना पुछिये दिल का हमारे .
किस कदर चोट खाये हुए हैं ।
कुछ तो हमें तकदीर ने है मारा ,
और कुछ रफिकों के सताये हुए हैं ।