हाल ए दिल बेहाल
——-हाल ए दिल बेहाल———
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होले होले हाल दिल,ये बदहाल हो गया
दिल जिगर लगा यार से,कमाल हो गया
अंजान रंग थे प्यार से हम यूँ उलझ गए
प्रेम तंदों में फंस गए,यह मलाल हो गया
दिन रात खोये रहते हम उनके ख्याल में
यादों के झरोखों में दिल निढ़ाल हो गया
हृदय में बसी है बस एक तस्वीर यार की
प्यार तो अब उम्रभर का जंजाल हो गया
हँसते हँसते फंस गए, खुद से हो बेखबर
करवटें बदलते बदलते बुरा हाल हो गया
अमन चैन खो गया,बेचैनियां सी बढ गई
सुखविंद्र जवाब ना मिला,सवाल हो गया
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)