हालात-ए-दिल
कभी चाँद तक पहुंचे कभी जमीं से टकराया है,
ये कैसा मुर्शिद परिंदा है जो फिर लौट आया है।
अजीब शिकस्त दिल में दफ़न करके साकी,
हवाओं के झोकें में फिर से लौट आया है।।
लवकुश यादव “अज़ल”
अमेठी, उत्तर प्रदेश
कभी चाँद तक पहुंचे कभी जमीं से टकराया है,
ये कैसा मुर्शिद परिंदा है जो फिर लौट आया है।
अजीब शिकस्त दिल में दफ़न करके साकी,
हवाओं के झोकें में फिर से लौट आया है।।
लवकुश यादव “अज़ल”
अमेठी, उत्तर प्रदेश