Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Mar 2022 · 1 min read

हार जीत

हार जीत
****
हार हो या जीत
ये है हमारी प्रीत,
जैसा करें विचार
वैसे ही व्यवहार।
हार सिर्फ़ हार नहीं है
अपना विचार भी है,
जीत कोई अनूठी चीज नहीं
महज आत्मविश्वास है।
हम जैसा चाहते हैं
वैसा ही पाते हैं।
हार का डर हो तो
कभी जीत नहीं पाते,
जीत का विश्वास हो तो
जीत ही जीत जाते।
हार हो या जीत
हमारे आसपास ही रहते
जिसे चाहें वरण करें
जिसे चाहें ठुकराएं।

सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा, उ.प्र.
8115285921
©मौलिक, स्वरचित ‌

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 320 Views

You may also like these posts

परिवेश
परिवेश
Sanjay ' शून्य'
बरसात सा जीवन
बरसात सा जीवन
Vivek Pandey
You do NOT need to take big risks to be successful.
You do NOT need to take big risks to be successful.
पूर्वार्थ
■आक्रोश की अभिव्यक्ति■
■आक्रोश की अभिव्यक्ति■
*प्रणय*
There are few moments,
There are few moments,
Sakshi Tripathi
जीवन में
जीवन में
Dr fauzia Naseem shad
माँ की दुआ
माँ की दुआ
Usha Gupta
बेजुबानों से प्रेम
बेजुबानों से प्रेम
Sonam Puneet Dubey
सफर पर है आज का दिन
सफर पर है आज का दिन
Sonit Parjapati
ख्वाबों में कितनी दफा
ख्वाबों में कितनी दफा
शिव प्रताप लोधी
संवेदना( वीर ज़वान)
संवेदना( वीर ज़वान)
Dr. Vaishali Verma
सतयुग, द्वापर, त्रेतायुग को-श्रेष्ठ हैं सब बतलाते
सतयुग, द्वापर, त्रेतायुग को-श्रेष्ठ हैं सब बतलाते
Dhirendra Singh
शेखर सिंह ✍️
शेखर सिंह ✍️
शेखर सिंह
दशमेश गुरु गोविंद सिंह जी
दशमेश गुरु गोविंद सिंह जी
Harminder Kaur
टूट कर
टूट कर
हिमांशु Kulshrestha
अपनी काविश से जो मंजिल को पाने लगते हैं वो खारज़ार ही गुलशन बनाने लगते हैं। ❤️ जिन्हे भी फिक्र नहीं है अवामी मसले की। शोर संसद में वही तो मचाने लगते हैं।
अपनी काविश से जो मंजिल को पाने लगते हैं वो खारज़ार ही गुलशन बनाने लगते हैं। ❤️ जिन्हे भी फिक्र नहीं है अवामी मसले की। शोर संसद में वही तो मचाने लगते हैं।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
पुरवाई
पुरवाई
Seema Garg
कहते हैं  की चाय की चुस्कियो के साथ तमाम समस्या दूर हो जाती
कहते हैं की चाय की चुस्कियो के साथ तमाम समस्या दूर हो जाती
Ashwini sharma
चकाचौंध की दुनियां से सदा डर लगता है मुझे,
चकाचौंध की दुनियां से सदा डर लगता है मुझे,
Ajit Kumar "Karn"
ग़ज़ल _ तुम फ़ासले बढ़ाकर किसको दिखा रहे हो ।
ग़ज़ल _ तुम फ़ासले बढ़ाकर किसको दिखा रहे हो ।
Neelofar Khan
-वतन के वास्ते जीओ वतन के वास्ते मर जाओ -
-वतन के वास्ते जीओ वतन के वास्ते मर जाओ -
bharat gehlot
पुरबी के जनक 'महेंद्र मिश्र
पुरबी के जनक 'महेंद्र मिश्र
Indu Singh
वज़्न -- 2122 1122 1122 22(112) अर्कान -- फ़ाइलातुन - फ़इलातुन - फ़इलातुन - फ़ैलुन (फ़इलुन) क़ाफ़िया -- [‘आना ' की बंदिश] रदीफ़ -- भी बुरा लगता है
वज़्न -- 2122 1122 1122 22(112) अर्कान -- फ़ाइलातुन - फ़इलातुन - फ़इलातुन - फ़ैलुन (फ़इलुन) क़ाफ़िया -- [‘आना ' की बंदिश] रदीफ़ -- भी बुरा लगता है
Neelam Sharma
मुंगेरीलाल के सपने...
मुंगेरीलाल के सपने...
आकाश महेशपुरी
“मेरी किताब “पुष्प -सार” और मेरी दो बातें”
“मेरी किताब “पुष्प -सार” और मेरी दो बातें”
DrLakshman Jha Parimal
चाँद सा मुखड़ा दिखाया कीजिए
चाँद सा मुखड़ा दिखाया कीजिए
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ज़िन्दगी
ज़िन्दगी
डॉक्टर रागिनी
#प्रेम_वियोग_एकस्वप्न
#प्रेम_वियोग_एकस्वप्न
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
हो सकता है कि अपनी खुशी के लिए कभी कभी कुछ प्राप्त करने की ज
हो सकता है कि अपनी खुशी के लिए कभी कभी कुछ प्राप्त करने की ज
Paras Nath Jha
गीत- कभी क़िस्मत अगर रूठे...
गीत- कभी क़िस्मत अगर रूठे...
आर.एस. 'प्रीतम'
Loading...