हार-जीत
यह हार भी एक जीत है,
यह जीत भी एक हार हैं,
मान या ना मान तू,
यह जीवन का ही असरार है |
जो है हार गया वो,
फिर भी हार है नहीं, मान रहा वो
इसी इसरार पर है टिकी
हार-जीत का असरार है |
जो है जीत गया वो,
फिर भी है नहीं मन में संतुष्टि वो,
और काबिलियत भी नहीं, आ रहा वो
इसी भँवर में, फँसकर वो
हार जाता है, जीतकर भी वो |