“हार कर भी ,हम मुस्कुराया करते है”
ज़िन्दगी को हर तरह से, गले लगाया करते है।
हार कर भी ,हम मुस्कुराया करते है।
छीनते है, अपने ही खुशियां मेरी।
हम फिर भी, सर झुकाया करते है।
हार कर भी ,हम मुस्कुराया करते है।
देखा है हमने भी, आंचल से कफन तक का सफ़र।
हम फिर भी, नादान बन जाया करते है।
हार कर भी ,हम मुस्कुराया करते है।
मुमकिन भी है, मुश्किल भी है,हालात ये ज़िन्दगी।
हम फिर भी, इसे खुशी से बिताया करते है।
हार कर भी ,हम मुस्कुराया करते है।
उम्र नहीं है पर, जिम्मेदारियों ने बड़ा बनाया है।
पसीना मेहनत का है तन पे, फिजूल में नहीं बहाया करते है।
हार कर भी ,हम मुस्कुराया करते है।