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4 Jun 2023 · 1 min read

हारा है तो कुछ नहीं , मानें दिल से हार

हारा है तो कुछ नहीं , मानें दिल से हार
दुगने जोश खरोश से लड़ना अगली बार
लड़ना अगली बार चूक का पता लगाओ
कैसे मिलती जीत एकजुट आगे आओ
कह सतीश कविराय खुला अम्बर है सारा
ठानी जिसने जीत आज तक कभी न हारा।।
सतीश पाण्डेय

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