हाय रे बिजुरिया
पूछे न हमरी खबरिया
अरे! हाय रे बिजुरिया
घर अभिनेता के झाड़ू लगावे
नेता पे अपनी जवानी लुटावे
हमसे चुरावे नजरिया
अरे! हाय रे बिजुरिया
खाती है रोज रोज हमरी कमाई
हर दो महीने पर बिल की भराई
झाँके न हमरी डगरिया
अरे! हाय रे बिजुरिया
आये ‘असीम’ जब मौसम चुनावी
ले के चले ई छलावा छलावी
सजि धजि के जइसे गुजरिया
अरे! हाय रे बिजुरिया
© शैलेन्द्र ‘असीम’