हाय री किस्मत ! यह क्या सितम किया ?…
एक कली थी नाज़ों से पाली ,
इन्हीं हाथों से जिसको दुलार किया।
हाय री किस्मत क्या दिन दिखाया तूने,
आज उन्हीं हाथों से अग्नि संस्कार किया ।
एक कली थी नाज़ों से पाली ,
इन्हीं हाथों से जिसको दुलार किया।
हाय री किस्मत क्या दिन दिखाया तूने,
आज उन्हीं हाथों से अग्नि संस्कार किया ।