हाय मेरा नन्हा सा दिल
कितनी फिक्रें लगीं हुई हैं इस नन्हे से दिल को ,
ना कहीं चैन और न ही सुकून है इसको ,
समझता है सब कुछ इसके इख्तियार में है ।
अब कैसे कोई निकाले इस वहम से इस दीवाने को ।
कितनी फिक्रें लगीं हुई हैं इस नन्हे से दिल को ,
ना कहीं चैन और न ही सुकून है इसको ,
समझता है सब कुछ इसके इख्तियार में है ।
अब कैसे कोई निकाले इस वहम से इस दीवाने को ।