हाय! खोखली तालियां!!!!
हाय! खोखली तालियां!!!!
अलसवेरे ढोलक की थाप, नौबत बधाईयां
सुरों की सप्तक संग, और संगीत में रूबाईयां
किन्नरों की किस्मत में, कैसी ये रूसवाईयां
नित नित स्वांग रचाते, हाय बजाते तालियां
हाय खोखली तालियां, हाय खोखली तालियां!!
बिन ब्याहे कुमकुम टीका, सौलह श्रंगारियां
तन अधूरा मन अधूरा, ना बजती शहनाईयां
दामन में आशीर्वाद की, भरते गोद भराईयां
ललना जनम लिये तो, वारी वारी बलहारियां
हाय खोखली तालियां, हाय खोखली तालियां!!
ना कोई अपना संगी साथी, ना रिश्तेदारिया
छोटी सी खोली में तन्हा जीवन की तन्हाईयां
कदम कदम पे ठोकरें,औ समाज की गालियां
खुद का वजूद ढूंढतें, उफ कैसी लाचारीयां
हाय खोखली तालियां, हाय खोखली तालियां!!
छीनी खुशी छीने सपने, क्या थी गुस्ताखियां
हो दरवेष, स्वांगी भेष, किससे कैसी यारीयां
कुदरत के अभिशाप पे, हाय प्रभु से दुहाईयां
किन्नर जनम कभी ना दीजे,ना दीजे तालियां
हाय खोखली तालियां, हाय खोखली तालियां!!
–डा. निशा माथुर/8952874359