हायकू
चाँद छिपा था
तुम्हे देख के नहीं
बादलों में था ।
*
गोरा रूप है
या पारे का लेपन
तेरा चेहरा ।
*
बेरोजगारी
रेत में धंसे पाँव
किसे पुकारूं ।
*
मोम का घर
प्रेम वनवास
मन उदास ।
सुनील कुमार सजल
चाँद छिपा था
तुम्हे देख के नहीं
बादलों में था ।
*
गोरा रूप है
या पारे का लेपन
तेरा चेहरा ।
*
बेरोजगारी
रेत में धंसे पाँव
किसे पुकारूं ।
*
मोम का घर
प्रेम वनवास
मन उदास ।
सुनील कुमार सजल