हायकु
हायकु
कर्म की आस।
सुख की अनूभूति।
भक्ति की प्यास।(1)
सृष्टि अनंत।
है ब्रह्मांश आजन्म।
है पुनर्जन्म।(2)
ब्रह्म ही सत्य।
अहम जो असत्य।
शाश्वत तथ्य।(3)
सुखानुभूति।
है सनातन सत्य।
कर्मानुभूति।(4)
दुःख प्रवृत्ति।
मन की अनुभूति।
भावानुवृत्ति।(5)
डा.प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम