हादसे
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ज़िंदगी में कुछ ऐसे हादसे पेश आते हैं ,
यह क्या हुआ ? कैसे हुआ ? क्यों हुआ ?
हम सोचते रह जाते हैं ,
वक्त की गर्दिश में किसी का ज़ोर
चलता नहीं ,
लाख एहतियात पर भी तक़दीर का पासा
पलटता नहीं ,
जो तय है वो होकर रहता है ,
इंसां कुदरत के हाथों कठपुतली बनकर रह जाता है,
कुछ सवाल ज़ेहन पर कौंधते रह जाते हैं ,
जिनके जवाब हम ताउम्र ना ढूँढ़ पाते हैं ।