हादसा
जब मर जाए कोई किसी हादसे में
तब नहीं टटोलना उसकी जेब से पैसे ,
उसकी जेब से मिलेंगे कुछ सपने कुछ ख्वाहिशें
कुछ जिम्मेदारी अपनों के लिए !
ना करना तुम उसकी परवरिश पर
कोई चिन्ह अंकित ,
वह आया होगा ना जाने कितनी जिम्मेदारियां को
अपने साथ लेकर इस शहर !
अगर मर जाए कोई किसी हादसे में
तो ना टटोलना उसकी जेब से पैसे ।
हो वह कोई वृद्ध तो यह ना समझ लेना
निकाल दिया होगा परिवार ने उसे ,
हो वह कोई युवा तो यह ना समझ लेना
प्रेम मैं ही वह मरा होगा ,
हो वह कोई बच्चा तो यह ना समझ लेना
किसी ने छोड़ दिया या वह होगा कोई अनाथ !
अगर मर जाए कोई किसी हादसे में
तो ना टटोलना उसकी जेब से पैसे ।
अब भी घरों के वृद्ध निभाते हैं
अपनी जिम्मेदारी अपने वृद्ध कंधों पर !
अब भी युवा लेकर साथ चलते हैं
अपने सपनों की जिम्मेदारियां
अपने परिवार की आर्थिक स्थिति !
कोई भी बच्चा नहीं होता जन्म से अनाथ
हालात करते हैं किसी को भी छोड़ने पर !
जब भी मर जाए कोई किसी हादसे में
नहीं टटोलना उसकी जेब से पैसे
अपनी लालच भरी आंखों से ।
नहीं करना उसके अंगों को तितर-बितर
ले जाकर किसी हॉस्पिटल में ,
किसी मां ने वर्षों लगा दिए होते हैं
उन अंगों को उपजाने में !
नहीं जलाना ,दफनाना उसको अनाथ समझकर
किसी पिता ने मांगा होगा उसको लाखों दुआओं
अनगिनत मंदिरों की सीढ़ियां चढ़कर !
मर जाए कोई किसी हादसे में
तो ना टटोलना उसकी जेब से पैसे।।