हादशे जब बने हकीकत.
एक तैराक,, इसलिए डूब गया,
गहराई से वंचित और प्यासा था.
जल में था, तैनात,, हर उलझन से वाफिक.
मगर डूब गया, इत्मिनान से ,
ये सवाल छोडकर,
हर कलाकार की ख्वाहिश होती है.
रंगमंच बने, मेरे आखरी नाजुक पल.
एक तैराक,, इसलिए डूब गया,
गहराई से वंचित और प्यासा था.
जल में था, तैनात,, हर उलझन से वाफिक.
मगर डूब गया, इत्मिनान से ,
ये सवाल छोडकर,
हर कलाकार की ख्वाहिश होती है.
रंगमंच बने, मेरे आखरी नाजुक पल.