हाथ हाथों में हम लिये साथी
हाथ हाथों में हम लिये साथी
दूर दुनिया से चल दिये साथी
आज है चाह किसको मंज़िल की
जाम राहों मे ही पिये साथी
जो मिले ज़ख़्म हमको दुनिया से
प्रेम धागों से वे सिये साथी
प्यार मे दर्द जो मिले हमको
हमने खुश हो सभी पिये साथी
किये वादे भी ,खायीं क़समें भी
पर निभाये भी जो किये साथी
ख़ास रस्ते थे हम जिधर निकले
और पल खूब वे जिये साथी
चल दिये दिल की राह पर ऐ ‘सरू’
हम तो तेरे ही हो लिये साथी