हाथ माखन होठ बंशी से सजाया आपने।
हाथ माखन होठ बंशी से सजाया आपने।
श्याम सुंदर मोहना मन को रिझाया आपने।
स्नेह का दीपक जला कर,संग मेरे हर घड़ी-
हाथ मेरा थाम कर नित,पथ दिखाया आप ने ।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली
हाथ माखन होठ बंशी से सजाया आपने।
श्याम सुंदर मोहना मन को रिझाया आपने।
स्नेह का दीपक जला कर,संग मेरे हर घड़ी-
हाथ मेरा थाम कर नित,पथ दिखाया आप ने ।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली