हाथ खाली है
झूठ बोला, पर हाथ, खाली है.
सच बोला, भले हाथ खाली है,
सुकून मिलता है मन को..
लोग सूली की बात करते है..
परवाह नहीं उनको,एक जान गई.
परमेश्वर बन गया, सूली पर चढ़..
जीवन है, कोई जी गया,
किसी ने भोगा.
सच बोला भले हाथ खाली है.
भीड है, भीड़ मे, मस्तिष्क कहाँ.
सृजन की बातों में अर्जन कहाँ.
दो जीवों में सहज शांत क्रिया जहाँ.
उत्पति भी व्युत्पत्ति भी आक्रांत यहाँ.
सच बोला, भले हाथ खाली यहाँ.
सुकून मिलता है मन को वहाँ.
तोडने पर टूट जाना, बिन कहे जुड जाना
आना और जाना , कहे की सुन लेना.
सुनकर देख लेना, सबकुछ संभाल लेना.
यही तो निसर्ग है, विसर्ग को भाँप लेना.
हाथ भले खाली है, मन में सुकून है ….