” हाथी गांव “
जयपुर, राजस्थान के आमेर क्षेत्र में
एक प्यारा सा हाथी गांव बसता है
जैसा कि इसके नाम से ही विदित है
यहां छोटा बड़ा हर हाथी हंसता है,
बीहड़ में कलभ उछल कूद करते
कभी कभी कांटा भी चुभता है
तरण ताल में तब हाथी मारें गोते
जब उनका पैर मिट्टी में धंसता है,
कंटीले रास्तों पर करें हाथी सवारी
हर वर्ग का मन सोच कर मचलता है
महावत निर्देशित करें सवारी को
होले होले से तब हाथी सरकता है,
विशालकाय हाथी जब झूम कर चले
अंग अंग तब गजराज का मटकता है
बचपन करता गज काया पर चित्रकारी
सजा हुआ आसन नीचे तक लटकता है,
शीघ्र ही हमसे घुल मिल जाता हाथी
प्रफुल्लित होकर वह सूंड लहराता है
दहाड़ की आवाज बच्चों के मन भाती
जब वह दांतों तले गन्ने गटकाता है।
Dr.Meenu Poonia jaipur