हाइकू !
१.
प्रकृति आपदा
हर पल है
डरे मानव अब
बचाए कौन !
२.
असंतुलन
प्रकृति का प्रकोप
समझो अब !
३.
ये प्रदूषण
हरियाली सिमटे
पेड़ बचाओ !
कुप्रथा
१.
क्यूं रुढ़िवाद
करे खोखली जड़ें
पीड़ित कहें !
२.
बदलो उन्हें
बन बेड़ी जो यूंही
उन्नति रोके !
प्रिय की प्रशंसा
१.
तुम्हीं से अब
जीवन मेरा यह
भूल न जाना !
२.
ज़िन्दगी मेरी
अमानत तुम्हारी
न जुदा होना !
जीवन दर्शन
१.
दुनिया यह
जानते सब मगर
माया में फँसे !
२.
सुख औ दुख
मिश्रण जीवन का
संघर्ष बड़ा !
कामनी गुप्ता***
जम्मू !