हाइकू
हुरियार हायकू….
??????????
ब्रज की होरी
बचै ना कोई कारी,
ना कोई गोरी।
नन्द कौ लाल
भरि-भरि मारत,
रंग-गुलाल।
आज खेलत
ब्रज में फाग हरी,
सखी बच री।
जमना तीर
गुपाल उड़ावत,
रंग-अबीर।
कोई जाओ ना
जमना तीर ,रंगै
रंग ते कान्हा।
रंग दी चोली,
पिया रंगरेज की,
रँगीली होली।
चलौ री सखी
मिल कें डारें रंग,
राधिका संग।
जग में होरी
या ब्रज होरा ,सखि
नन्द कौ छोरा।
रंग रंगीलौ
रोकै गैल मुरार,
करौ री पीलौ।
लै पिचकारी
मारत ‘तेज’ कुमार,
रंग की धार।
??????????
तेजवीर सिंह “तेज”✍