हाइकू–रवि
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वरदान है।
पृथ्वी,प्राणी के लिए।
सूर्य तारक।
सरल है।
जीना इस विश्व में।
सूर्य सेवक।
भगवान है।
देवी,देवताओं का।
सूर्य पावक।
इंसान बना।
कुंती-पति सूरज।
लज्जा-जनक।
निष्प्राण होगा।
सारे वय निश्चित।
रश्मि धारक।
रौशनी,गर्मी।
अद्भुद प्रतिदान।
सूरज दाता।
दिवस भर।
रास्ते दिखाता रहे।
सूर्य धावक।
जलता रहे।
सृष्टि रक्षण हेतु।
सूर्य विधाता।
उजाला भरे।
अँधेरा हो निहत।
सूर्य तमारि।
जले सर्वदा।
न दीया न ही बाती।
सूर्य दीपक।
उतना! ही है।
क्रूर,कठोर,रुद्र।
‘गैसीय’ सूर्य।
वही राक्षस।
जलाए करे राख।
वही ना? सूर्य।
निंदा,प्रशंसा।
गा के बाजा बजा के।
सन्यासी सूर्य।
बांध रखा है।
बगैर किसी डोर।
चुंबक सूर्य।
सूर्य के वर्ण।
अज्ञात सारे सात।
विज्ञान आओ।
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