हाइकु
1- पंख आने दो
मैं भी उड़ जाऊँगा
आसमान में।
2- मित्र ने देखा
मित्र मुसीबत में
नौ दो ग्यारह।
3- शिकवे मिटे
आंकड़ा छत्तीस था
तिरसठ है।
4- खरी कथनी
दिल करे छलनी
खोटी लगनी।
5- दो अक्षरों से
तीन पाँच करना
सीखी दुनियाँ।
6- गांव गुम है
आकर शहर में
ओढ़ा मुखौटा।
7- केंद्र में तुम
परिधि पे मैं जमा
काटे चक्कर।
8- तुम्हारे अंक
मेरा शून्य लेकर
दहाई बने।
9- न नौ नकद
न तेरह उधार
कैसा व्यापार?
10- मित्र यूँ मिले
दोषारोपण शुरू
दुश्मन भले।
संजय नारायण