हाइकु
वो काली रात,
बेलगाम जज्बात,
था तेरा साथ।
सुंदर गात,
मचाया चक्रवात,
पकड़ हाथ।
तीखी सी बात,
दिल पर दे लात,
था छोडा हाथ।
छूटे ना वात,
मत करो आघात,
थाम लो हाथ।
✍️प्रदीप कुमार “निश्छल”
वो काली रात,
बेलगाम जज्बात,
था तेरा साथ।
सुंदर गात,
मचाया चक्रवात,
पकड़ हाथ।
तीखी सी बात,
दिल पर दे लात,
था छोडा हाथ।
छूटे ना वात,
मत करो आघात,
थाम लो हाथ।
✍️प्रदीप कुमार “निश्छल”