हाइकु सप्तक की समीक्षा
हाइकु सप्तक : संपादक – प्रदीप कुमार दाश “दीपक”
[ हिन्दी के सर्वश्रेष्ठ सात हाइकुकारों का परिचय, हाइकु एवं उनके हाइकु संबंधी विचार ]
प्रकाशक : माण्डवी प्रकाशन, गाजियावाद [ उ. प्र. ]
प्रकाशन वर्ष : फरवरी – 2006 मूल्य : 100/—–
समीक्षक : —– प्रो. आदित्य प्रताप सिंह
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सहज पके सो मीठा । यह सहजता ही कठिन है । सार्थक ध्वन्यात्मकता ही हाइकु की जान है । यह सहज – कला आते आते आती है ।
हाइकु वाटिका के बाद हाइकु सप्तक का भी प्रकाशन श्री प्रदीप कुमार दाश ‘दीपक’ के अचुक साहस का निर्देशन है । यहाँ सात हाइकुकार रचनाओं , विचारों के साथ हाजिर और नाजिर हैं । उनकी आलोचना करना मेरा उद्देश्य नहीं है ।
ढेर सारे संकलनों के बीच यह हाइकु का नवतर तारसप्तक है । रहेगा । संकलन में 24×7=168 सागरी बूँदों से समर है यह सप्तक । समर पुत्रों को मेरा प्रणाम है ।
त्रिपथगा ( गंगा ) की ये बूँदें प्रदीप कुमार दाश ‘दीपक’ की साधना को सूचित करती है । वे सदा हाइकु जगत के नव भागीरथ के रूप में स्मरण किए जाते रहेंगे । सदा…
इधर हाइकु जगत में एक शोरीदा सन्नाटा छा गया था । प्रो. सत्यभूषण चले गए । हाइकु भूषण खो गया । हाइकु के नामी पक्षधर भगवतशरण कंपवात से ग्रस्त हो गए । मैं 76-77 का हो गया । रात बचूँगा तो सुबह देखूँगा । जन्म क्रमानुसार यहाँ हाइकु साधकों का चयन और यह संकलन सन्नाटों को तोड़ता है । कहा है —–
खामोशी बज्म का दस्तूर हुई जाती है ।
बोलो तो कुछ हंगामा हो ।।
यह कोलाहलों का नहीं । रचनात्मक साहसों का हंगामा है । मौन भी, मुखर भी । दोनों को समोता है हाइकु । ‘दीपक’ जी ऐसे दीपक हैं जिसके तले अँधेरा नहीं । प्रकाश है / हाइकु का प्रकाश ।
हाइकु सूरज के बीज हैं । हों । होते – रहें – नित नए ( हाइकु हायकू ) रिचाएँ ( ऋचाएँ )
इति आदि शुभम् ।
— प्रो .आदित्य प्रताप सिंह
चिरहुला, रीवा (म.प्र.) Pin – 486001
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