हाइकु–गीत ने गाया
गीत ने गाया।
हवा,पानी,मौसम।
स्वर रूआँसा ।
अंधेरी रात।
अपना ही भरोसा।
सबसे अच्छा।
जल बेचारा।
चला तो था निर्मल।
गंगा सजल।
मित्र पवित्र।
नयापन दे जाता।
पुरानी यादें।
साथ बिताए।
खुशियाँ ही दे जाए।
कोमल पल।
कोई दुश्मनी।
भुलाए न भूलती।
दुश्मन मित्र।
धड़ाम गिरा ।
संग बिताए पल।
अहं नुकीला।
सत्ता खिलौना ।
क्या क्या विश्लेषण है।
जन,मन है?
अपनी छवि।
हर मन में होता।
राष्ट्र की कैसी?
बाहुबली का।
रावण सा हो हश्र।
संसद, नख।
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